क्या आपकी कुंडली मे राज योग है ?

क्या आप की भी कुंडली मे राजा बनने के भाग्यशाली योग है ?🤑 इससे पहले ये जान ले की राज योग होता क्या है :
वैदिक Astrology में राज योग एक ऐसा योग है जिसके आने के बाद आपकी किस्मत को गंगू तेली से राजा भोज बना देती है | धन, संपत्ति, वैभव, शान, समाज में ऊंचा पद यह सब आपको ऐसे मिलता ही जैसे ये आपके लिए ही बना हो | साधारण व्यक्ति को असाधारण बना देता है, व्यक्ति का समाज मे काफी बोलबाला होता है, व्यक्ति ऊंचे पदों पर पहुँचता है और धन की देवी लक्ष्मी की कृपया उसपर बनी रहती है|
अगर आपकी भी कुंडली मे राजयोग का निर्माण होता है तो आप कोई साधारण व्यक्ति नहीं है| राज योग को योगों का राजा भी कहा जाता है क्योंकि सबसे ज्यादा आपकी किस्मत इसी योग मे बदलती है और सबसे जल्दी तरक्की भी इसी योग मे मिलती है| लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति को कर्म करना अति आवश्यक होता है इसीलिए हर व्यक्ति को राज योग का फल नहीं मिलता
राज योग कब आपको सफलता देना शुरू करता है ?
राज योग का निर्माण आपकी कुंडली में तब होता है जब कुछ specific ग्रह certain position में बैठे हो, जैसे
- त्रिकोण राज योग
जब केंद्र स्थान (1st, 4th, 7th, 10th houses) के स्वामी और त्रिकोण स्थान (1st, 5th, 9th houses) के स्वामी आपस मे युति (conjunction) करे या एक दूसरे पर दृष्टि डाल रहे हो | या फिर एक दूसरे के घर मैं परिवर्तन योग बना रहे हो - गज केसरी योग
जब गुरु (Jupiter) चतुर्थ (4th),सप्तम (7th) या दशम (10th) भाव मे चंद्र (Moon) से केंद्र मे स्थित होता है - बुध आदित्य योग
जब सूर्य (Sun)और बुध (Mercury) एक ही राशि मे या एक ही भाव मे युति (conjunction) में हो जाते है


राज योग से अमीर व सफल बने लोगों के कुछ उदाहरण :-
आपको बता दे की
- श्री नरेंद्र मोदी ( भारत के प्रधानमंत्री ) –
- राज योग : कुंडली में मेष और शनि दशम भाव मे, जो उन्हे कठोर परिश्रमी, नेतृत्व क्षमता वाला और जनसेवा के लिए समर्पित बनाता है| राज योग प्रभाव : राष्ट्रीय नेतृत्व, प्रभावशाली व्यक्तित्व, विदेशों मे सम्मान और जनहित मे निर्णय |
- रतन टाटा ( सबसे बड़ा उद्योगपति : कुंडली मे शुभ ग्रहों की केंद्र और त्रिकोण मे स्थिति, और गुरु व शुक्र का सहयोग धन योग : लगातार वृद्धि, सामाजिक प्रतिष्ठा, औद्योगिक साम्राज्य खाद्य करना – ये सभी धन और राज योग के लक्षण है
- मुकेश अंबानी ( एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति ) : धन योग : कुंडली में 11 वें भाव मे शुक्र और सूर्य की स्तिथि, और 2 वें और 11 वें भाव मे मजबूत स्वामी राज योग :नाम, फेम, सत्ता के साथ के साथ decision -making में अद्वितीय शक्ति |
- धीरूभाई अंबानी ( Reliance Founder ) – विशेष योग : कोई बहुत बड़ा ग्रह योग न होने पर भी चंद्रमा और ब्राहस्पति की युति, साथ मे मेहनत और दृष्टिकोण ने उन्हे शून्य से उचाईयों तक पहुंचाया यह दर्शाता है की कर्म + अनुकूल दशा भी योग जितना ही शक्तिशाली हो सकता है |
- अमिताभ बच्चन ( महानायक ) : राज योग : कुंडली में गुरु और चंद्र का गजकेसरी योग और केंद्र मे शुभ ग्रहों की युति | जीवन में उतार-चढ़ाव के बावजूद फिर से उचाइयों तक पहुंचपाना आसान नहीं होता लेकिन इन्होंने जीवन में उतार-चढ़ाव के बावजूद बुलंद उपलब्धियों को हासिल किया – Strong दशा + योग Activation का प्रमाण|

राज योग वाले ग्रह की दशा या अंतरदशा जब चल रही हो, तब उन ग्रहों को और मजबूत करना चाहिए जैसे : बुध-आदित्य योग हो, तो सूर्य और बुध दोनों को Strong बनाना जरूरी है
हर राज योग वाले ग्रह का एक बीज मंत्र होता है:
सूर्य: “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः”
चन्द्र: “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः”
मंगल: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
बुध: “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः”
गुरु: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः”
शुक्र: “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः”
शनि: “ॐ प्रां प्रीं प्रों सः शनैश्चराय नमः”
राज योग तब और भी Effective होता है जब व्यक्ति उस ग्रह से जुड़ी सेवा करे :
सूर्य के लिए : गरीबों को लाल वस्त्र, गुड़ दान करें और एक मुखी रुद्राक्ष या माणिक्य (Ruby) धारण करें |
गुरु के लिए : ब्राह्मण को भोजन करवाएं, पीला वस्त्र दान करें, हल्दी दान करें और पंच मुखी रुद्राक्ष या पुखराज ( Yellow Sapphire )
Note: रत्न धारण करने से पहले कुंडली का Analysis जरूर करवाएं |
आज योग सिर्फ योग बनने से नहीं, उसको जीवन में लाना भी जरूरी है: सुबह जल्दी उठना, सूर्य को अर्घ् देना Meditation और Visualization से अपने लक्ष्य पे ध्यान केंद्रित रखना |
कर्म और नीति : सबसे बड़ा उपाय है ( सत्कर्म और याची नीति )| राज योग वाले लोग जब धार्मिक, ईमानदार और सेवा भाव से जीते हैन, तभी वो योग योग पूरी तरह फल देने लगता है|

राज योग का प्रभाव आपकी राशि पर :-
- मेष (Aries) : नेतृत्व क्षमता, साहसी निर्णय, govt. Job या सेना मे ऊंचे पद के मिलने की संभावना (मंगल की मजबूत स्थिति के कारण राज योग विशेष फलदायी होता है।
- वृषभ (Taurus) : समाज मे मान-सम्मान, धन से संबंधित चीजों मे वृद्धि, व्यापार मे लाभ | (चंद्रमा और शुक्र की युति से विशेष राज योग बनता है
- मिथुन (Gemini) : राजनीति में या मीडिया मे उपलब्धियां, बुद्दिमता से फैसले लेना, वाक्पटुता | (बुध का बलवान होना जरूरी है )
- कर्क (Cancer) : जनसेवा, समाज मे लोकप्रियता, नेतृत्व में भावुकता (चंद्रमा की जब शुभ दृष्टि होती ही तो राज योग प्रभावित होता है )
- सिंह (Leo): आत्मविश्वासी, प्रशासनिक पदों मे वृद्धि, राजा की तरह जीवन (राशि मे सूर्य का मजबूत होना जरूरी है)
- कन्या (Virgo): निर्णय सोच समझकर लेना, Advisory Committee में उच्च पद ( बुध के साथ शुक्र या गुरु का योग विशेष फल देता है)
- तुला (Libra): आकर्षक, कूटनीति से कार्ये करना, न्यायप्रिय फैसले, कलात्मक क्षेत्र मे सफलता ( शनि और शुक्र की युति से विशेष फल प्राप्त होता है)
- वृश्चिक (Scorpio): सैन्य व प्रशासनिक कार्यों मे तरक्की, गुप्त ज्ञान से उन्नति, रहस्यमयी ताकत\शक्ति ( केतु और मंगल का सहयोग राज योग को बाल देता है)
- धनु (Sagittarius) : आध्यात्मिक प्रभाव, धार्मिक नेतृत्व, शिक्षा और नीति मे सम्मान |(गुरु ग्रह का बलवान होना आवश्यक है)
- मकर (Capricorn): कठोर परिश्रम के बाद सफलता, दीर्घकालीन सत्ता मिलना, प्रशासनिक पदोन्नति | (शनि के साथ शुभ ग्रह का योग होना जरूरी है)
- कुम्भ (Aquarius): समाज सुधारक, जनता मे काफी लोकप्रियता, Innovation में सफलता | (बुध और शनि की युति विशेष प्रभाव डालती है)
- मीन (Pisces): दया भाव, धार्मिक क्षेत्र मे सफलता और लोकप्रियता, Leadership With Imagination Power. ( चंद्रमा और गुरु की युति राज योग को प्रबल बनती है)
कुंडली मे राज योग का होना व्यक्ति के किसी पूर्व जन्म के कर्मों, कमाए गए पुण्य और लक्ष्य का प्रतीक है| इसका प्रभाव हर व्यक्ति की जीवन की परिस्थितियों, ग्रहों और दशाओं पर निर्भर करता है, यह केवल राजाओं या राजनेताओ तक सीमित नहीं है- बल्कि यह हर उस व्यक्ति मे होता ही जो धैर्य, अपने कर्म, और वह आत्मविश्वास के साथ अपने जीवन को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहता है, इसलिए ही, ज्योतिष योगों के साथ साथ जीवन मे Discipline and Hard Work का होना भी जरूरी है।
🎓 Hind Astro –
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Very well explained! I really liked the way you described Raj Yoga.
Thank you for sharing